संतान की दीर्घायु के लिए माताएं बुधवार को हलषष्ठी व्रत रख विधि-विधान से भगवान बलराम की पूजा कीं। वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार 17 अगस्त को षष्ठी तिथि का मान संपूर्ण दिन और रात्रि में 11 बजकर 52 मिनट तक है। इस दिन अश्विनी नक्षत्र भी संपूर्ण दिन और रात को दो बजकर 18 मिनट तक है। गंड योग और चंद्रमा की स्थिति मेष राशिगत होने से हलषष्ठी व्रत के लिए यह दिन पूर्ण प्रशस्त रहेगा।