छतरपुर में स्वतंत्रता सेनानियों को लड़नी पड़ती थी दोहरी लड़ाई. अंग्रेजों की खिलाफत के साथ बुंदेलखंड के जमींदारों द्वारा लगाए टैक्स के खिलाफ थी जंग.