अनामिका रत्ना.
नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शुक्रवार को ईद-ए-मिलाद के मौके पर हजरतबल दरगाह में लगी अशोक स्तंभ वाली शिलापट्ट को कुछ लोगों की भीड़ ने तोड़ दिया. इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी धार्मिक स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल होते नहीं देखा. उन्होंने सवाल उठाया कि हजरतबल दरगाह के पत्थर पर प्रतीक चिन्ह लगाने की क्या जरूरत थी?
जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में इनदिनों बाढ़ आयी है. बड़े संख्या में लोग बेघर हो गये हैं. आम लोग परेशानियों से घिरे हुए हैं. उनका ध्यना हटाने के लिए इस तरह की घटना को हवा दी जा रही है. खटाना ने कहा कि जम्मू कश्मीर तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसे बैकफुट पर लाने की साजिश की जा रही है. खटाना ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक हमारे राष्ट्रीय ध्वज के समान हैं. राष्ट्रीय प्रतीक का उद्देश्य विश्व शांति, समृद्धि और सत्य है.